Friday, May 28, 2021

BACHPAN

हां, मै फिर से बचपन जीना चाहता हूं
हां, मै फिर से पड़ते पड़ते सोना चाहता हूं,
बेफिक्र होकर बड़े हौने का ख्वाब देखना चाहता हूं
बिना डरे बिना सोचे, फिर से बेबाक बोलना चाहता हूं

हां, मै फिर से बचपन जीना चाहता हूं,
खेलते खेलते फिर से सोना चाहता हूं
अगर चोट लग जाए मेरे,
तो फिर से सबके सामने रोना चाहता हूं
मां के पल्लू से, फिर पसीना पोछना चाहता हूं

हां, मै फिर से बचपन जीना चाहता हूं,
कार्टून देखते देखते फिर से सोना चाहता हूं
स्कूल से घर पर भाई बहन से पहले पहुंचना है,
क्योंकि मै अपना फेवरेट कार्टून देखना चाहता हूं
भाई बहन की लड़ाई में, फिर से मम्मी को लाना चाहता हूं
हां मै छोटे होने का फायदा उठाना चाहता हूं

हां मै फिर से बचपन जीना चाहता हूं,
हां मै फिर से मम्मी पापा के बीच में सोना चाहता हूं
मारे जो पापा कभी मुझे,
तो फिर रोते रोते फिर मां तेरे पल्लू में छुपना चाहता हूं

हां मै फिर से बचपन जीना चाहता हूं,
हां मै फिर से बेवाक होकर बोलना चाहता हूं
थक गया हूं दुनिया के इस सफर से मै,
हां मै फिर बड़े होने के ख्वाब देखना चाहता हूं...

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